बहुविकल्पीय प्रश्न (उत्तर सहित) - पृष्ठ 122
1. शान्त रस का स्थायी भाव क्या है?
निर्वेद
ग्लानि
रति
श्रृंगार
2. स्थायी भावों की कुल संख्या है?
13
09
12
14
3. विस्मय स्थायी भाव किस रस में होता है?
हास्य
वीर
अद्भुत
शान्त
4. "जहँ-तहँ मज्जा माँस रुधिर लखि परत बगारे। जित-जित छिटके हाड़, सेत कहुँ, कहुँ रतनारे।।" इस अवतरण में है -
वीभत्स रस
.अद्भुत रस
हास्य रस
भयानक रस
5. 'केसव कहि न जाय का कहिये। देखत तब रचना विचित्र अति समुझि मनहिं मन रहिये।' उपर्युक्त पंक्तियों में है-
करुण रस
शान्त रस
भक्ति रस
अद्भुत रस
6. 'वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। सामने पहाड़ हो कि सिंह की दहाड़ हो', में वीर रस का स्थायी भाव क्या है?
श्रृंगार
भक्ति
हास्य
उत्साह
7. माधुर्य गुण में वर्जन है :
प, फ, ब, भ, म एवं समासयुक्त रचन
च, छ, ज, झ एवं समासयुक्त रचना
य, र, ल, व एवं सन्धियुक्त रचना
ट, ठ, ड, ढ एवं समासयुक्त रचना
8. प्रस्तुत पंक्तियों में रस का नाम बताएँ: "मनिमय कनक नन्द के आँगन बिम्ब पकरिबे धावल"
हास्य रस
करुण रस
श्रृंगार रस
वात्सल्य रस
9. अद्भुत रस का स्थायी भाव है-
भय
विस्मय
क्रोध
उत्साह
10. वीर रस का स्थायी भाव है-
निर्वेद
शोक
भय
उत्साह
11. करुण रस का स्थायी भाव होगा-
उत्साह
क्रोध
विस्मय
शोक
12. श्रृंगार रस के दो प्रकार होते हैं:
संयोग रस, विभाव रस
संयोग रस, वियोग रस
अनुभाव रस, वियोग रस
श्रृंगार रस, संयोग रख
